पूरे दस साल बाद यह रीपोस्ट। इसके दो चित्र मैंने बिंग फोटो जेनरेटर AI से बनाये हैं।
नोश्टॉल्जिया और भविष्य की तकनीक का एक घालमेल।
और बदलती जलवायु का अभास भी। आज प्रचण्ड गर्मी है और तब तेज बारिश हुई थी!
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
पूरे दस साल बाद यह रीपोस्ट। इसके दो चित्र मैंने बिंग फोटो जेनरेटर AI से बनाये हैं।
नोश्टॉल्जिया और भविष्य की तकनीक का एक घालमेल।
और बदलती जलवायु का अभास भी। आज प्रचण्ड गर्मी है और तब तेज बारिश हुई थी!