मोबाइल से ब्लैक एण्ड ह्वाइट फोटो

आज लगा कि फोटोग्राफ लेने में रंगों के साथ एक मोबाइल कैमरा से खेलना कठिन काम है। अगर चित्र में डीटेल्स ज्यादा हैं – जो गंगा किनारे मुझे मिलीं, तो रंगीन चित्र की एडिटिंग कभी मन को संतुष्ट नहीं कर सकती।

मैंने पढ़ा कि अगर आपके पास विकल्प बहुत हैं तो आपकी रचनात्मकता दब जाती है। Choice is the enemy of Creativity.

Clutter 1

बहुत से रंग, बहुत से बटन, बहुत से एडिटिंग के टूल – कुल मिला कर वैसा बन जाता है जैसा शादियों में ओवर मेक-अप किये औरतों का होता है। वे सुंदर औरतें मेक-अप की चुड़ैलों में रूपांतरित हुई दीखती हैं। ब्लैक-एण्ड-ह्वाइट में वे कहीं बेहतर नजर आतीं। और उनपर मेक-अप का दबाव भी नहीं रहता।

मैं अपने कमरे में अपने काम करने के कोने में बैठा हूं। मेरे सामने मेरी बेतरतीब रखी फाइलों, कागजों और लेखन सामग्री का क्लटर है। क्लटर यूं भी है कि मैंने पिछले वाक्य में बेतरतीब और क्लटर – दोनों का प्रयोग किया। एक को निकाला जा सकता था।

Clutter 2

मैंने दो चित्र लिये। और दोनों पर ब्लैक एण्ड ह्वाइट फिल्टर लगा दिया। बस। उन चित्रों में रंगीन अगर कुछ है तो वह मेरा ब्लॉग का वाटरमार्क है।

और वे क्लटर के चित्र मुझे अच्छे लग रहे हैं – फॉर अ चेंज!

और मुझे चित्रों को लेने या एडिट करने में मेहनत भी नहीं करनी पड़ी! :-)

गंगा किनारे का यह चित्र मुझे काला-सफेद बहुत अच्छा नहीं लगा। पर शायद दोपहर की धूप-छांव में वे चित्र ठीक से लिये भी नहीं जा सके थे। यह रंगीन की बजाय काला-सफेद कुछ बेहतर है।

इस चित्र में बबूल की डाल पर एक कौव्वा और उसकी पत्नी बैठे थे। उनका आभास तो मिलता है। नदी भी नजर आती है!

आज की सीख यही है – विकल्पों की बहुलता रचनात्मकता की दुश्मन है। :-)

KISS – Keep it Simple, Stupid!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

3 thoughts on “मोबाइल से ब्लैक एण्ड ह्वाइट फोटो

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