***<<< मिर्च और इडली दोसा का बैटर >>>***
आज दोसा बहुत शानदार बना। मदरासी कैफे वाला भी क्या बनायेगा वैसा। मेरी पत्नीजी ने कहा कि यह जरूर सौ रुपये का मिलेगा।
केवल सौ रुपये? मेरे ख्याल से वे बहुत कम कीमत लगा रही हैं। दोसे में पनीर भी घिस कर भरा हुआ था। पनीर के साथ दो चार काजू के टुकड़े होते तो होटल वाला ढाई-तीन सौ झटक सकता था!
पत्नीजी का कहना है कि @alka_d (अलका द्विवेदी) जी ने पिछले सप्ताह बैटर में खमीरीकरण का जो तरीका बताया था, वह बहुत कारगर निकला। दो मिर्च बैटर में रात भर खोंस कर रखने से (बिना बर्तन गर्म रखे और बिना ईनो के) अच्छे से खमीर उठ गया। दोसा बहुत स्वादिष्ट बना है। इडली भी वैसी ही स्पंज वाली बनी।
अलका जी की X पर पोस्ट का लिंक – https://buff.ly/4gcYwNj
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मिर्च का खमीरीकरण के लिये प्रयोग का टोटका क्या वास्तव में कारगर है? निश्चय ही है। हरी ताजा मिर्च की सतह पर लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) और लैउकोनोस्टोक (Leuconostoc) पाये जाते हैं। ये फर्मेण्टेशन को तेज कर सकते हैं। ये बैटर में शर्करा को तेजी से लैक्टिक एसिड में बदलने में सहायक होते हैं। मिर्च बगीचे में मिट्टी और नमी के सम्पर्क में उपजती है और वहीं ये बैक्टीरिया सब्जियों की सतह पर आते होंगे।
अगर हरी मिर्च की सतह पर ये बैक्टीरिया चिपकते हैं तो कई अन्य सब्जियों में भी वह गुण होते ही होंगे। मुझे इंटरनेट पर छानने पर पता चला कि लैक्टोबैसिलस के अन्य अच्छे स्रोत हैं – पत्ता गोभी, गाजर, चुकंदर, भिंडी और अदरक। इनमें से सबसे ज्यादा कारगर लोगों ने पत्ता गोभी के टुकड़ों को पाया है। इससे सॉकरकूट नामक खमीरीकृत साइड डिश बनती है। गाजर और चुकंदर के खमीरीकरण से कांजी वाला पेय बहुत स्वादिष्ट होता है। अचार भी बनते हैं इनसे।
अगली बार घर पर हम दो पत्ता गोभी के बड़े टुकड़ों और दो तीन अदरक के टुकड़ों का प्रयोग करेंगे खमीरीकरण के लिये। कभी एक दो भिंडी भी खोंस कर देखी जायेंगी बैटर में। ये सभी सब्जियां ताजा, नर्म और धुली हुई होंगी।
इन अदल बदल कर किये प्रयोगों के साथ हम सर्दी की दुरुहता पार करेंगे। यह तभी होगा जब पत्नीजी कई बार किचन प्रयोगों में अलबर्ट आल्वा एडीसन वाली प्रयोगधर्मिता दिखायें और कई बार बैटर का लीद-गोबर होना सहन करने का धीरज रखें। अंतत: प्रयोग की जिम्मेदारी पत्नीजी की ही है!


