शूट पहले, एडिट बाद में


उस मैले कुचैले, विक्षिप्त से लगते आदमी का चित्र लेते समय मैं रोशनी की दशा, फोकस, रूल ऑफ थर्ड … किसी पर ध्यान नहीं देता। ध्यान केवल चित्र शूटने पर रहता है। Shoot first, Edit later. शूटो पहले, एडिटो बाद में।

विजय कुमार मिस्त्री – नायाब ब्लॉग चरित्र!


“ऐसे तुरत फुरत में थोड़े ही बता सकता हूं। आपको चार पांच दिन बैठना होगा सुनने के लिये। परिवार पालने के लिये अस्सी रुपया महीने में रिक्शा चला चुका हूं। कर्जा पाटने के लिये एक समय था जब गांजा भी बेचा है।”

रोहित – कस्टमर केयर, सेमसंग


रोहित ने मुझे बताया कि वे 23 साल की उम्र में इस नौकरी में आये थे और अब इग्यारह साल हो गये हैं इसी दफ्तर में काम करते हुये। अपना काम उन्हें अच्छा लगता है। ग्राहकों में तीन प्रतिशत से ज्यादा नहीं होते जो असंतुष्ट हों।