दस हजार कदम से ज्यादा चलना

*** दस हजार कदम से ज्यादा चलना ***

जब 2015 के उत्तरार्ध में रिटायर हुआ था तो मैं पैदल नहीं चल पाता था। सौ दो सौ कदम चलने पर घुटनों में दर्द होने लगता था। रेलवे के हमारे डाक्टर साहब ने मुझे सलाह दी थी कि पैदल चलने की बजाय साइकिल चलाऊं। जितनी देर पैदल चलने की सोची हो, उतनी देर साइकिल चलाने की सोची मैने। पर रेल सेवा के दौरान बहुत कुछ नहीं हो सका। सिर्फ इतना हुआ कि मैने रिटायर होने के कुछ महीने पहले साइकिल खरीदी और तीन चार दशक बाद साइकिल चलाने में सहजता वापस पाई।

उसके बाद मेरे घुटनों के कार्टीलेज उम्र के असर में बड़ी तेजी से घिसे। मेरा वजन भी 75 किलो या उससे ज्यादा था। घुटनों पर शरीर का वजन ज्यादा ही पड़ रहा था। घुटनों की कटोरियों में भयंकर दर्द होने लगा और चलने पर कट्ट कट्ट की आवाज आने लगी। मुझे लगा कि इस रफ्तार से क्षरण हुआ तो दो साल में ही मुझे ह्वील चेयर का सहारा लेना होगा। ह्वीलचेयर पर बैठे अपने आप की कल्पना नारकीय लगती और निराशा और भी गहराती। इस दौरान भी अच्छा यह था कि मैं साइकिल खूब चलाने लगा। दस किलोमीटर, बारह किलोमीटर और कभी कभी अठारह किलोमीटर प्रति दिन!

शायद इच्छा शक्ति और पत्नीजी का हर कदम पर सहयोग ही था जो मैं स्वास्थ्य सुधार के लिये एक एक कदम लगा रहा। पिछ्ले एक साल में तो नाटकीय परिवर्तन हुये। हमने भोजन पर ध्यान दिया। टाइम रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग रिजीम बनाया। दिन में तेरह घंटे बिना खाये रहना शुरू किया। मेरा वजन कम हुआ। साथ ही मैने दशकों से नींद की दवा पर अपनी निर्भरता पूरी निर्दयता से खत्म की। एक साल हो गया, मैने कोई नींद की दवा नहीं ली है। पैदल चलना भी सुधरा।

मैं हल्का महसूस करता हूं। रिटायरमेंट के समय से अब में मेरा वजन 15 प्रतिशत कम है। मेरे घुटनों में कट्टकट्ट की आवाज नहीं आती। शायद वजन कम होने से घुटनों और अन्य जोड़ों पर जोर कम पड़ने लगा है। मेरा रक्तचाप मेरे रिटायरमेण्ट के पहले के रक्तचाप से बहुत बेहतर है। मेरी मधुमेह नियंत्रित है और एक दशक में उसकी दवा बढ़ी नहीं है। तब भी पहले की बजाय अब रक्तशर्करा कभी शूट नहीं करती। नींद में सुधार है – यद्यपि अब भी उतनी अच्छी नहीं है जितनी मैं चाहता हूं। पर अब शरीर उतना थका थका नहीं लगता।

पिछले नवम्बर महीने में मैं औसत 9 हजार कदम प्रतिदिन चला हू!। अभी दिसम्बर में पिछले तीन दिनों में चालीस हजार कदम चलना हुआ है। कल तो चौदह हजार कदम चलना हुआ। आज सवेरे एक घंटे से ज्यादा का घर के अंदर ही ब्रिस्क वाकिंग पूरी हुई है। उसमें 7672 कदम और 65 हार्ट प्वाइंट अर्जन हुआ है। पैदल चलना दिन भर होता रहेगा।

रिटायरमेंट के समय मैं साठ साल का था और अपने को सत्तर साल के आदमी जैसा पाता था – शरीर से भी और मन से भी। अब मैं सत्तरवें साल में चल रहा हूं, और अपने को जितना फिट पाता हूं, वह साठ साल के व्यक्ति का फिटनेस स्तर होगा।

गांव में रीवर्स माइग्रेट होने के लिये मेरे पास तर्क था कि गांव मुझे बढ़ती उम्र के लिये अच्छा सामाजिक सपोर्ट सिस्टम देगा। वह गांव ने (पूरी निर्दयता से) देना नकार दिया। शायद उसके लिये गांव कम, मेरा अंतर्मुखी व्यक्तित्व ज्यादा जिम्मेदार है। पर वह बिल्कुल अलग विषय है।

गांव ने मेरी सोच से ज्यादा चमत्कार किया। मुझे एक बड़ा घर और बगीचा दिया। घूमने के लिये गंगा नदी, सरसों और बाजरा के खेत, छोटी सड़कें और पगडंडियां दीं। मेरे लिखने को नया आयाम दिया। बड़े घर और बगीचे का लाभ हुआ कि मैं बिना व्यवधान के, धीरे धीरे, पैदल चल पाया। पैदल चलने के लाभ अब बहुत स्पष्ट दिखने लगे हैं। अब दस हजार कदम प्रतिदिन से अधिक चल सकने की क्षमता अर्जन कर चुका हूं। यह, मेरे लिये बड़ी उपलब्धि है! मैं कल्पना करता हूं कि एक दशक बाद मैं इसी फिटनेस स्तर पर अपने को पाऊंगा – नित्य दस किमी साइकिल चलाने और दस हजार कदम पैदल चलने की फिटनेस!

[सवा आठ बजे, यह लिखने तक, मैं नौ हजार कदम चल चुका हूं!]


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

12 thoughts on “दस हजार कदम से ज्यादा चलना

  1. बिना stress के जीवन जीना शहरों में तो लगभग मुमकिन नहीं है। आपका reverse migration का निर्णय अच्छा साबित हुआ। बहुतों को प्रेरणा मिलेगी।
    मेरा एक सुझाव ये है की जब आप पैदल घर में घूमें तो छोटे डंबल दोनों हाथ ले लें। पैरों की माशपेशियों के साथ – साथ ऊपरी शरीर की माशपेशियों की कसरत बहुत जरुरी है। आप लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए शुभकामनायें।

    R

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  2. सर, क्या दूसरों को प्रेरणा देने के लिए इस पोस्ट को नकल किया जा सकता है?

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      1. धन्यवाद सर,

        प्रेरणास्रोत तो आप ही हैं इसलिए आपके सन्दर्भ के बिना इसका प्रचार बेईमानी होगा।

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  3. भ्रमण का लेखा जोखा किस ऐप के माध्यम से करते हैं?

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