<<< मचान के देखुआर अनूप सुकुल >>> कल अनूप शुक्ल जी, सपत्नीक मिलने आये। हम लोग हिंदी ब्लॉगिंग के स्वर्णकाल (?) से मित्र हैं। मेरी उनसे मुलाकात सतरह साल पहले कानपुर रेलवे स्टेशन के एक रेस्ट हाउस में हुई थी। मैं उनके लेखन का मुरीद हूं। पता नहीं वे यह भाव रेसीप्रोकेट करते हैं याContinue reading “मचान के देखुआर अनूप सुकुल”
Daily Archives: 18.12.2024
व्योमकेश शास्त्री बनाम नीलकंठ चिंतामणि
<<< व्योमकेश शास्त्री बनाम नीलकंठ चिंतामणि >>> व्योमकेश शास्त्री आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के द्वारा रचा काल्पनिक चरित्र है। काफी हद तक आचार्य जी का ‘क्लोन’। जितने आचार्य जी का लेखन मुझे भाता है उतने ही व्योमकेश का चरित्र भी। व्योमकेश से प्रेरित हो कर मैं भी अपने क्लोन बनाता रहता हूं अपनी मानसिक दुनियां में।Continue reading “व्योमकेश शास्त्री बनाम नीलकंठ चिंतामणि”
