संगम में भटका भल्लू


<< संगम में भटका भल्लू >> गांव का ही है भल्लू। भल्लू कंहार। उससे मैं तीन दिन से मिलना चाहता हूं पर मिलना नहीं हो रहा। वह सवेरे सात बजे काती के कारखाने पर चला जाता है और रात आठ बजे के बाद वापस आता है। कार्पेट बुनकर के कारखाने में लोग दो तरह सेContinue reading “संगम में भटका भल्लू”

संगम तट पर अधेड़ महिलायें


<< संगम तट पर अधेड़ महिलायें >> संगम तट पर भीड़ के हर आदमी औरत की अपनी कहानी होगी। पूरे भारत से आई कहानियां। सब अलग अलग; केवल कुछ ही आपस में गड्ड मड्ड होती। दक्षिण के लोग एक साथ हैं। महिलायें अलग से पहचान में आती हैं। आदमी लुंगी ऊपर उठा कर आधे सेContinue reading “संगम तट पर अधेड़ महिलायें”

संगम तट पर भागलपुर की वह लड़की


<<< संगम तट पर भागलपुर की वह लड़की >>> मैं संगम तट पर पंहुच बिछी पुआल पर बैठ गया। पुआल इतनी गीली थी कि रेत न उड़े और इतनी भी नहीं थी कि बैठने पर नीचे के कपड़ों को गीला कर दे। अपने दांई ओर देखा तो पाया कि एक नौजवान महिला (24-25 साल कीContinue reading “संगम तट पर भागलपुर की वह लड़की”

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