शादी के रिश्ते – क्या चाहते हैं लोग?


यह श्रीमती रीता पाण्डेय की पारिवारिक पोस्ट है। मेरा योगदान बतौर टाइपिस्ट है। एक घरेलू महिला अपने परिवेश को कैसे देखती समझती है – यह रीता जी के नजरिये से पता चलेगा। मैं बनारस में अपनी मां के साथ रजाई में पैर डाले बैठी बात कर रही थी। अचानक भड़भड़ाते हुये घर में घुसी चन्दाContinue reading “शादी के रिश्ते – क्या चाहते हैं लोग?”

उच्च साधकों की निश्छलता की याद


यह रीता पाण्डेय की पारिवारिक पोस्ट है। इसका टाइपिंग भर मेरा है। अनूप शुक्ल जी को स्पष्ट करता हूं कि इसमें मेरा टाइपिंग और चित्र संयोजन के अलावा कोई योगदान नहीं है। :-) ज्ञान की पोस्ट “महेश चन्द्र जी से मुलाकात” में पंकज अवधिया जी टिप्पणी में कहते हैं कि महेश जी अगर निश्छल मनContinue reading “उच्च साधकों की निश्छलता की याद”

’अनपढ़’ रीता पाण्डेय


और रीता ने अगला टाइपिंग असाइनमेण्ट मुझे बहुत जल्दी दे दिया। सोमवार को दोपहर दफ्तर में मुझे फोन कर बताया कि एक नयी पोस्ट लिख दी है। घर आ कर टाइप कर देना। अगले दिन मैने टाइप किया। फिर बुधवार पंकज अवधिया जी का दिन था। लिहाजा आज वह पारिवारिक पोस्ट प्रस्तुत कर रहा हूं।Continue reading “’अनपढ़’ रीता पाण्डेय”

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