मुझे अन्दाज नहीं था कि मेरी पोस्ट इतनी जल्दी (आधे ही दिन में) पुरानी पड़ जायेगी। नोबल पुरस्कार विजेता डा. जेम्स वाटसन ने अपने विवादास्पद कथन के लिये माफी मांग ली है। पर उसके बावजूद उन्हें कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लैब – जहां वे डायरेक्टर, प्रेसिडेण्ट और (वर्तमान में) चांसलर रह चुके हैं – ने उन्हेContinue reading “यह रहा फ्लैश – डा. वाटसन ने माफी मांगी। फिर भी सस्पेण्ड!”
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डा. जेम्स वाटसन की बात पची नहीं
डा. जेम्स वाटसन, डी.एन.ए. के अणुसूत्र का डबल हेलिक्स मॉडल देने के लिये विख्यात हैं। उन्हें फ्रांसिस क्रिक और मॉरिस विल्किंस के साथ 1962 में फीजियोलॉजी और मेडीसिन का नोबल पुरस्कार भी मिल चुका है। उन्ही डा. जेम्स वाटसन ने हाल ही में यह कहा है कि अश्वेत लोग श्वेत लोगों की अपेक्षा कम बुद्धिमानContinue reading “डा. जेम्स वाटसन की बात पची नहीं”
अमरीकी हाथ गन्दे होते जा रहे हैं
यह न्यूक्लियर डील, आतंकवाद, केपिटलिस्ट दादागिरी या इसी तरह के अमेरिका विरोधी मुद्दे से सम्बन्धित कोई पोस्ट नहीं है. यह विशुद्ध हाइजीन का मामला है. आप के हाथ गन्दे रहते हैं? भोजन के बाद आप हाथ नहीं धोते? टॉयलेट के बाद नहीं धोते? शर्माने की बात नहीं – 23% अमेरिकी भी नहीं करते. अब इतनाContinue reading “अमरीकी हाथ गन्दे होते जा रहे हैं”
