सर्दी में पक्षी


राजकुमार ह्वाट्सएप्प पर अपने यहां (शिकागो के सबर्ब – औरोरा) का तापक्रम का स्क्रीन शॉट भेजते हैं। माइनस उन्नीस डिग्री। वे लॉन में बर्फ में दाना चुगते पक्षियों के चित्र और वीडियो भी भेजते हैं। इतने कम तापक्रम में भी पक्षी आ रहे हैं और दाना चुग रहे हैं?

पिछला साल प्रसन्नता के लिये कैसा रहा?


खर्चा कम हुआ। भागमभाग नहीं थी जिंदगी में। घर के हर एक मेम्बर में साफसफाई की आदत पड़ी। “मेरा तो मानना है कि हर साल कम से कम दस दिन का लॉकडाउन घोषित होना ही चाहिये।”

10 साल पहले – मोटल्ले लोगों की दुनियाँ


दुनियाँ मुटा रही है। मुटापे की विश्वमारी फैली है। लोग पैदल/साइकल से नहीं चल रहे। हमारा शरीर मुटापे से लड़ने के लिये नहीं, भुखमरी से लड़ने के लिये अभ्यस्त है। समाज भी मुटापे को गलत नहीं मानता। लम्बोदर हमारे प्रिय देव हैं!

विजय तिवारी का रेस्तरॉं और रूरर्बियन रूपान्तरण


वे (भविष्यदृष्टागण) कहते हैं कि आने वाले समय में आर्टीफ़ीशियल इण्टैलिजेन्स (AI) की बढ़ती दखल से रोजगार कम होंगे। उसको सुनने के बाद मैं वे सभी अवसर तलाशता हूं जहां मेरे आसपास के गांव के परिवेश में रोजगार की सम्भावना बढ़ रही है, और तब भी रहेंगी जब आर्टीफ़ीशियल इण्टेलिजेन्स का शिकंजा और कस जायेगा।Continue reading “विजय तिवारी का रेस्तरॉं और रूरर्बियन रूपान्तरण”

विश्वनाथ दम्पति कैलीफोर्निया में अपने नाती के साथ


गोपालकृष्ण विश्वनाथ मेरे बिट्स, पिलानी के सीनियर हैं और मेरे ब्लॉग के अतिथि ब्लॉगर। पिछली बार मैने पोस्ट लिखी थी अक्तूबर 2012 में कि वे नाना बने हैं। अभी कुछ दिन पहले उनका ई-मेल आया कि वे इस समय कैलीफोर्निया में हैं। उनकी बेटी-दामाद दिन भर अपने काम से बाहर रहते हैं और उनकी पत्नीContinue reading “विश्वनाथ दम्पति कैलीफोर्निया में अपने नाती के साथ”

सन्तोष कुमार सिंह


आज श्री सन्तोष कुमार सिंह मिलने आये। वे टोकियो, जापान से कल शाम नई दिल्ली पंहुचे और वहां से अपने घर वाराणसी जा रहे थे। रास्ते में यहां उतर कर मुझसे मिलने आये। सन्तोष तेरह साल से जापान में हैं। वे जे.एन.यू. में थे और स्कॉलरशिप से जापान पंहुचे। वहां एम.बी.ए. की पढ़ाई कर वापासContinue reading “सन्तोष कुमार सिंह”