जो भी है, बड़ी फैसिनेटिंग है! प्री-पोस्ट त्वरित टिप्पणी – कर दो पोस्ट। क्या फरक पड़ता है। तुम सब आधे दिमाग के लोग हो – रीता पाण्डेय। (लिंकित पोस्ट पर जाने के लिये चित्र क्लिक करें)
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सनराइज की सेलरी का सदमा
मेरे निरीक्षक श्री सिंह को कल सेलरी नहीं मिली थी। कैशियर के पास एक करोड़ तेरह लाख का कैश पंहुचना था कल की सेलरी बांटने को; पर बैंक से कुछ गूफ-अप (goof-up – बेवकूफियाना कृत्य) हो गया। कुल सत्तर लाख का कैश पंहुचा। लिहाजा सौ डेढ़ सौ लोगों को सेलरी न मिल पाई। पहले तनातनीContinue reading “सनराइज की सेलरी का सदमा”
जी.एफ.टी. समझने का यत्न!
शिवकुमार मिश्र ने ग्रेटर फूल्स थियरी की बात की। मुझे इसके बारे में मालुम नहीं था। लिहाजा, एक फूल की तरह, अपनी अज्ञानता बिन छिपाये, शिव से ही पूछा लिया। ग्रेटर फूल थियरी, माने अपने से बेहतर मूर्ख जो आपके संदिग्ध निवेश को खरीद लेगा, के मिलने पर विश्वास होना। मेरी समझ में अगर एकContinue reading “जी.एफ.टी. समझने का यत्न!”
