यह हेडिंग अज़दक छाप हो गया है. उनके लेखों के शीर्षक ऐसे ही होते हैं, जिससे न सिर समझ में आये न पैर. फिर झख मार कर आप समझने के लिये उनके कंटिये * में फंस जायें. खैर, अजदक को लिंक करने का मन नहीं है. यह ठोस मेरा लेख है. एक मीक वह है,Continue reading “मीक, लल्लू, चिरकुट और क्या?”
Category Archives: हास्य
एक जंक पोस्ट – फीड एग्रीगेटर को क्या-क्या बताओगे?
पहले लोग खुले में डर्टी लिनेन धोते थे, अब भी धोते हैं. पहले शायद साबुन लगाते हों, अब डिटर्जेण्ट के रूप में फीड एग्रीगेटर का प्रयोग करते हैं. मेल बनाते हैं – हमें हटा दो. पर भेजने से पहले पोस्ट पब्लिश कर फीड एग्रीगेटर को देते हैं (उसी मेल का कण्टेण्ट प्रयोग करते हुये). फलानेContinue reading “एक जंक पोस्ट – फीड एग्रीगेटर को क्या-क्या बताओगे?”
‘भैया किराया-भाड़ा बढ़ाते क्यों नहीं?’
अमुक हमारा कम्पिटीटर है. बस चलाता है. बनारस-इलाहाबाद से नागपुर. हमारा कम्पिटीटर यानी रेलवे का कम्पीटीटर. ट्रेन में जगह न मिले तो बनारस स्टेशन से उसके चेले यात्री को उसकी बस में बिठाने ले आते हैं. उसे एक ही कष्ट है कि रेलवे किराया क्यों नहीं बढ़ाती. किराया बढ़ाये तो वह भी अपनी बस काContinue reading “‘भैया किराया-भाड़ा बढ़ाते क्यों नहीं?’”
