आस्था बनी रहे परस्पर – एक मोनोलॉग!


अभय ने ब्लॉग के फुल फीड की बात की परसों और मैने निर्णय लेने में समय नहीं लगाया। फीडबर्नर में खट से समरी फीड को डी-एक्टीवेट कर दिया। पर मैं अभय तिवारी से कहता हूं कि वह धन और उसकी दिव्यता के विषय में विचार बदलें। वह जवान सुनता ही नहीं। पंकज अवधिया जी नेContinue reading “आस्था बनी रहे परस्पर – एक मोनोलॉग!”

‘पेप्सी, कोक और फीड एग्रेगेटर’ पर एक और दृष्टिकोण


नरसों अमितजी ने मेरी पोस्ट ‘पिंग सेवायें…’ पर टिप्पणी कर कहा – ‘नारद नये रूप में आ रहा है, उसकी भी तीव्रता देख कर बताइयेगा’। फिलहाल तो नारद के लिंक पर क्लिक करने से अंग्रेजी में आता है – ‘Work in progress. Narad will be back soon!’। नारद जल्दी और अपने तेज रूप में आयेContinue reading “‘पेप्सी, कोक और फीड एग्रेगेटर’ पर एक और दृष्टिकोण”

पिंग सेवायें – फीडबर्नर, चिठ्ठाजगत और ब्लॉगवाणी


एक ब्लॉगर की सबसे बड़ी तलब यह होती है कि जैसे ही वह पब्लिश बटन दबाये, उसकी पोस्ट फीड एग्रेगेटर पर तुरंत दिखे। फीड एग्रेगेटरों से बहुत से ब्लॉगरों की तल्खी इस मुद्दे पर देखी गयी है। यह पोस्ट इसी मुद्दे पर मेरे फुटकर विचार हैं। ई-पण्डित की तरह महारत नहीं है तकनीकी लेखन मेंContinue reading “पिंग सेवायें – फीडबर्नर, चिठ्ठाजगत और ब्लॉगवाणी”

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