खुले जगह थी और वहां मच्छरों का साम्राज्य था। प्रेमसागर के पास मच्छर अगरबत्ती थी, दो अगरबत्ती जलाई पर खुले में वह प्रभावी नहीं थी। वह तो देर रात गार्ड आया। “उसने मच्छरदानी लगा दिया तो दो घण्टा सो लिये हम।”
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श्री त्रिपुरमालिनी सिद्ध शक्तिपीठ, जालंधर में प्रेमसागर
त्रिपुरमालिनी – अर्थात तीनो लोकों को सुशोभित करने (हार पहनाने) वाली – माँ कल्याण करें। स्थानीय भाषा में उन्हें तुरतपूर्नी – कामना को तुरंत पूरा करने वाली – कहा जाता है। माँ प्रेमसागर को भी उनका अभीष्ट शीध्र प्रदान करें। …
यमुनानगर से बापा
“कल एक बारात देखी भईया। उसके कुछ नहीं तो चार डीजे थे। हर एक के गाने का शोर इतना था कि क्या बज रहा था, कुछ समझ नहीं आ रहा था। इन समारोहों में पैसे का प्रदर्शन ही सम्पन्नता है। शादी में बीस-पचीस लाख प्रदर्शन में ही खर्च होते हैं।”
