अफसरी के ठाठ और आचरण नियमों की फांस


कल मैने अपनी मजबूरी व्यक्त की थी कि मै‍ ब्लॉग पर एक सीमा तक लिख सकता हूं, उसके आगे बोलने के लिये मुझे अपने रिटायरमेण्ट तक रुकना पड़ेगा. बहुत से लोगों ने टिप्पणियों में कहा कि वे मेरे डिस्क्लोजर के लिये मेरे रिटायरमेण्ट का इंतजार नहीं कर सकते. वैसे मुझे कोई मुगालता नहीं है –Continue reading “अफसरी के ठाठ और आचरण नियमों की फांस”

फिल्म ज्ञान पर क्रैश कोर्स की जरूरत


ब्लॉगरी लगता हैं चल नहीं पायेगी अगर मैं जल्दी से हिंदी फिल्म के बेसिक्स नहीं सीख लेता. और बेसिक्स सिखाने के लिए या तो हिंदी फिल्म्स फार डमीज जैसी किताब हो या फिर क्रैश कोर्स । सिनेमा प्रेमी माफ़ करें – मुझे तो लगता हैं की हिंदी फ़िल्में बनी ही डमीज के लिए हैं, सोContinue reading “फिल्म ज्ञान पर क्रैश कोर्स की जरूरत”

ब्लॉगर मीट – यह कौन सा मीट है भाई!


“झुमरी तलैया में ब्लॉगर मीट” जैसे शीर्षक से पोस्ट छपती है और घंटे भर में उसकी टीआरपी रेटिंग स्काईरॉकेट कर जाती है. कौन सा मीट हैं यह भाई जिसके लिये लाइन लग जाती है! ऐसा नहीं है कि मैं सामाजिकता नहीं समझता. स्वभाव से मैं अत्यंत संकोची और इंट्रोवर्ट हूं. पर लोगों के मिलने औरContinue reading “ब्लॉगर मीट – यह कौन सा मीट है भाई!”

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