उन हार्ड-कैशियों के मुकाबले दूसरे छोर पर लगता है सिकंदर। उसने बताया कि पिछले चार साल से वह नेट-बैंकिंग और क्यू.आर. कोड के माध्यम से लेन देन कर रहा है। महीने भर का लगभग 5-6 लाख का ट्रांजेक्शन ऑनलाइन होता है।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
उन हार्ड-कैशियों के मुकाबले दूसरे छोर पर लगता है सिकंदर। उसने बताया कि पिछले चार साल से वह नेट-बैंकिंग और क्यू.आर. कोड के माध्यम से लेन देन कर रहा है। महीने भर का लगभग 5-6 लाख का ट्रांजेक्शन ऑनलाइन होता है।