बज्रेश्वरी देवी शक्तिपीठ, कांगड़ा


27 मई को सवेरे सवेरे प्रेमसागर ने बज्रेश्वरी शक्तिपीठ के दर्शन सम्पन्न किये। सवेरे भी भीड़ बहुत थी। राजकोट और कुछ अन्य मध्यप्रदेश के लोग बहुत थे। उन लोगों की माता जी कुल देवी हैं। जत्थे के जत्थे उनके दर्शन को आये हुये थे।

चिंतपूर्णी से ज्वाला जी


व्यास नदी भी है और उसके खाड भी। खाड या खड्ड कुछ इस तरह हैं मानो नदी – व्यास या सतलुज स्त्री की मांग हों और खाड उससे निकली केशराशि या जटायें। जगह जगह बोर्ड लगे हैं कि खाड के पानी को पार करने का जोखिम न उठायें।

चिंतपूर्णी – माँ छिन्नमस्ता देवी


“भईया मन डिस्टर्ब हो गया। एक बार फिर मंदिर में गया। बोला – माँ मोबाइल चाहिये था, तो वैसे ही आदेश करतीं। मैं दे ही देता। पर यह तरीका तो ठीक नहीं लगा। भईया पण्डा लोग मेरा यह कहने पर हंस रहे थे। पर मेरे मन में जो था, मैं वही कह रहा था…”

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