राजस्थान में – प्याऊ, बबूल और जलेबा


“लोग बहुत अच्छे हैं भईया। एक नौजवान लड़के ने तो मुझे रोक कर कोल्ड ड्रिंक और दो पैकेट बिस्कुट मंगाया मेरे लिये।
एक और जगह तो दो लोगों ने रोक कर चाय पिलाई। ब्राह्मण के रूप में बड़ी कदर की मेरी।”

डीग, भरतपुर, राजस्थान


प्रेमसागर ने जो चित्र उस स्थान के भेजे हैं, उनसे यह तो लगता है कि आज से चार सौ साल पहले भी उन महाराजाओं के पास बुद्धि-कौशल-तकनीकी प्रचुर थी। पर उनका समय धूमकेतु की तरह उभरा, चमका और इतिहास हो गया।

वृन्दावन में पदयात्री


प्रेमसागर के लिये शैव या शाक्त सोच एक अवलम्ब भर है। ये शक्तिपीठ सम्पन्न हो जायेंगे तो कोई न कोई और खूंटी ईजाद हो जायेगी यात्रा के लिये। यात्रा का संकल्प उसपर टंग जायेगा और यात्रा जारी रहेगी।…

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