पिंग सेवायें – फीडबर्नर, चिठ्ठाजगत और ब्लॉगवाणी


एक ब्लॉगर की सबसे बड़ी तलब यह होती है कि जैसे ही वह पब्लिश बटन दबाये, उसकी पोस्ट फीड एग्रेगेटर पर तुरंत दिखे। फीड एग्रेगेटरों से बहुत से ब्लॉगरों की तल्खी इस मुद्दे पर देखी गयी है। यह पोस्ट इसी मुद्दे पर मेरे फुटकर विचार हैं। ई-पण्डित की तरह महारत नहीं है तकनीकी लेखन में – पर जो लिखा है सो झेल लीजिये।

आपने अपनी पोस्ट पब्लिश/अपडेट की हो तो आप चाहते हैं कि कुछ साइट्स; जैसे फीडबर्नर (अगर वह आपकी फीड का ठेकेदार है), तथा आपके पसन्दीदा फीड एग्रेगेटर्स उसे तुरत पकड़ लें।

फीडबर्नर के बारे में मैने पहले ही पोस्ट लिखी थी – नयी ब्लॉग पोस्ट को पिंग शहद चटायें। अगर आप की फीड फीडबर्नर से जाती है तो पहले फीडबर्नर को पिंग करें।

चिठ्ठाजगत:

इस पेज पर अंत के सब-हेडिंग (‘दो सेकण्ड में लेख चिट्ठाजगत पर छापें’) से मुझे पता चला कि चिठ्ठाजगत पर यदि आप पंजीकृत ब्लॉगर हैं और उसके मुख्य पृष्ठ पर जा कर अपने को लॉग-इन (सत्रारम्भ) कर देते हैं तो उसके खुले पेज पर सबसे ऊपर ऐसा दिखेगा –

Chittha

जो लाल रंग में आयताकार भाग मैने ध्यान खींचने के लिये बनाया है उसमें लिखा है- सारे अधिकृत चिठ्ठे अभी यहाँ खींचें। यह हाइपर लिंक है। इसपर क्लिक करने से आपके सभी पंजीकृत चिठ्ठों की फीड वह अपडेट कर देगा और आपकी नयी पोस्ट उसपर दिखने लगेगी| अपडेट दिखने में समय, चिठ्ठाजगत के अनुसार “Server की Connectivity के हिसाब से, कम से कम १ सेकण्ड, अधिक से अधिक १ घण्टा” लग सकता है।

ब्लॉगवाणी:

ब्लॉगवाणी पर यह सुविधा तो आपके ब्लॉग पर चिपकाये ब्लॉगवाणी लोगो पर क्लिक करने के माध्यम से उपलब्ध है। बस आप अपना ब्लॉग खोलें और ब्लॉगवाणी के आइकॉन पर चटका लगायें।

और अगर आप विण्डोज लाइवराइटर का प्रयोग करते हैं तो लाइवराइटर अपने Tools>Option>Ping Servers में एक ही जगह पिंग सर्वर के विवरण भरने की सुविधा प्रदान करता है। आप नीचे चित्र में ध्यानाकर्षण के लिये बनाये लाल आयताकार क्षेत्र को देखें।

Ping

उसका फायदा यह है कि आपके द्वारा पोस्ट पब्लिश करते ही फीड एग्रेगेटर पर आ जायेगी। बस आपको फीडबर्नर/ब्लॉगवाणी का अपने ब्लॉग को पिंग करने का URL पता करना और भरना पड़ेगा। ब्लॉगवाणी के पिंग URL के लिये आप अपने ब्लॉग पर लगे ब्लॉगवाणी के लोगो पर राइट क्लिक कर ‘Copy Shortcut’ या ‘Copy Link Location’ के विकल्प का चयन करें तथा उपयुक्त जगह पेस्ट कर दें।

अत: पोस्ट लिख कर उसके अपनी बारी से फीडएग्रेगेटर पर दिखाये जाने तक अंगूठा चूसते बैठे रहने की आवश्यकता नहीं। आप उपयुक्त कर्म करें और फल पायें।

(इस लेख में मेरी जानकारी बतौर उपभोक्ता ही है – अटकल और उपयोग पर एकत्रित। ज्यादा विशेषज्ञता हेतु तो ई-पण्डित या एग्रेगेटर वाले सज्जन बता सकेंगे। )


फुटकर खुराफाती बात – आप अगर गूगल ब्लॉग सर्च में अपना ब्लॉग अपडेट डालना चाहते हैं, तो यहां पिंग करें।
पुनर्लेखन – आज मैने यह जांचा और पाया कि उक्त दोनो ब्लॉग एग्रेगेटरों ने फीड तुरंत अपडेट की इस पोस्ट के लिये!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

17 thoughts on “पिंग सेवायें – फीडबर्नर, चिठ्ठाजगत और ब्लॉगवाणी

  1. ज्ञान जी बहुत ही महत्त्वपूर्ण जानकारी दे रहे है आप, कुछ समझ में आती है कुछ नहीं, क्या ऐसा नही हो सकता कि एक बार आप क्लास में सिखाएं (यहां) और फ़िर एक बार अलग से कोचिंग क्लास में और आसान कर के। मेरी एक और भी समस्या है, मैने आपके ब्लोग को सबस्क्राइब तो किया है पर मुझे इ-मेल में खबर मिलती है आपके पोस्ट करने के दूसरे दिन, जब बाकी सब पढ़ चुके होते है। ये ऐसे ही है कि हम पुराना अख्बार पढ़ते है। कुछ उपाय बताएं। ये आलोक जी कौन से केप्सूल की बात कर रहे है जी हमें भी चाहिए……:)

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  2. वाकई रेलवे के फ्री पास जैसी सुविधा का ज्ञान आपने दिया है। टेक्नोराती के पिंग को लेकर अब भी उलझन बरकरार है। कभी उसे पर भी रौशनी फेंक कर मारिएगा।

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  3. आप से पाया ज्ञान पर कहाँ कर पाऊँगा इसका प्रयोग….हम तो पुराने टाइप के हैं बस जो रूप बन गया उसे बदलने में कम लगते हैं….

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  4. गुड है जी!!इक बात दस्सो जी, सबै फ़ील्ड में तो आप लिखै रहे हो, अईसन कौनो फ़ील्डऐ का जिसपे आप नई लिख सकते।आपके ये छोटे-छोटे सरल तकनीकी लेख बड़े काम के साबित हो रहे हैं!!आलोक पुराणिक जी कुछ कह रहे हैं क्या? अपन को तो सिर्फ़ अपनी तारीफ़ वाली लाईन पढ़ने की आदत है ( भले ही कोई न लिखे)।

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  5. जानकारी के लिए धन्यवाद. कोशिश तो मैं भी कर के देखूँगा पर लगता है शायद बहुत कुछ कर नही पावूँगा.

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  6. यदि आपने हिंदी टूलबार पिटारा स्थापित किया है तो चिट्ठाजगत को पिंग करने के लिये बिना चिट्ठाजगत की साईट पर जाये आप अपने ब्राउजर से ही सिर्फ एक क्लिक करके ही चिट्ठाजगत तक पहुंच सकते हैं।विस्तृत जानकारी यहां है: धड़ाधड़ महाराज तक पहुंचें धड़ाधड़

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