जिप्सियाना स्वभाव को ले कर जब मैने पोस्ट लिखी तो बरबस पॉउलो कोएल्हो की पुस्तक द अलकेमिस्ट की याद हो आयी। (अगर आपने पुस्तक न पढ़ी हो तो लिंक से अंग्रेजी में पुस्तक सार पढ़ें।) उसका भी नायक गड़रिया है। घुमन्तु। अपने स्वप्न को खोजता हुआ मिश्र के पिरामिड तक की यात्रा करता है। वहContinue reading “अपने अपने इन्द्रप्रस्थ”
Monthly Archives: Dec 2007
रविरतलामी जी ब्लॉगर.कॉम मूर्ख नहीं है
रवि रतलामी ने अपने लेख ’हनी, आई श्रंक द पिक्स’ मे यह कहा है कि मैने लगभग १०० केबी के चित्रों का प्रयोग किया है और वह - "आवश्यकता से 10 गुना अधिक रिसोर्स का प्रयोग किया गया है जो चिट्ठाकार के लिए भी ठीक नहीं है और उसके पाठकों के लिए भी." (रवि केContinue reading “रविरतलामी जी ब्लॉगर.कॉम मूर्ख नहीं है”
जमीन, भैंसें और शिलिर-शिलिर परिवर्तन
मेरे घर के आसपास गाय भैंस पालने वाले रहते हैं। पिछली मुलायम सिंह सरकार के थोक वोटबैंक थे यह। उस दौरान कई सरकारी नौकरी पा गये और सभी ने शिवकुटी मेला क्षेत्र की जमीन लेफ्ट-राइट-सेण्टर हड़पी। कई अपनी दुकाने अधिकृत-अनाधिकृत तरीके से खोल कर जीवन यापन करने लगे। उनका जीवन स्तर गंवई, श्रमिक या निम्नContinue reading “जमीन, भैंसें और शिलिर-शिलिर परिवर्तन”
कैसे लाऊं जिप्सियाना स्वभाव
छब्बीस दिसम्बर को मेरा दफ्तर इलाहाबाद में सिविल लाइन्स से बदल कर सुबेदारगंज चला गया। महाप्रबंधक कार्यालय का उद्घाटन तो पिछले महीने ही हो गया था। मेरे दफ्तर का शिफ्टिंग अब हुआ। बड़ी आलीशान इमारत है नये दफ्तर की। खुला वातावरण। पर मैं अवसादग्रस्त हो गया हूं। नयी जगह पर अटपटा लग रहा है। ट्यूबContinue reading “कैसे लाऊं जिप्सियाना स्वभाव”
रक्त की शुद्धता के लिये ग्वार पाठा (एलो वेरा)
यह श्री पंकज अवधिया की बुधवासरीय अतिथि पोस्ट है। श्री अवधिया वनस्पति जगत के औषधीय गुणों से सम्बंधित एक पोस्ट मेरे ब्लॉग के लिये लिख कर मेरे ब्लॉग को एक महत्वपूर्ण आयाम दे रहे हैं। आप यह एलो वेरा (ग्वार-पाठा) के गुणों से सम्बंधित पोस्ट पढ़ें: प्रश्न: आप तो जानते ही है कि रक्त कीContinue reading “रक्त की शुद्धता के लिये ग्वार पाठा (एलो वेरा)”
मोकालू गुरू का चपन्त चलउआ
भरतलाल का गांव1 इलाहाबाद-वाराणसी ग्राण्ड-ट्रंक रोड और पूर्वोत्तर रेलवे की रेल लाइन के बीच में स्थित है। सड़क पर चलते वाहनों की चपेट में आ कर और ट्रेन से कट कर आसपास के कई लोग कालकवलित होते हैं। इससे भूत-प्रेतों की संख्या सतत बढ़ती रहती है। भूत प्रेतों की आबादी को डील करने के लियेContinue reading “मोकालू गुरू का चपन्त चलउआ”