ब्लॉगरीय अर्थव्यवस्था की दुकानें


मेरे घर के आस-पास – शिवकुटी से गोविन्दपुर तक, छोटी-छोटी दुकानें बड़े जोश से खुलती हैं। किराने की दुकान, सब्जी की गुमटी, चाय समोसे की दुकान… खोलने वाले अपना फर्नीचर, शो-केस और उपकरण/सामान लगाते हैं। कटिया मार कर बिजली ले कर शाम को अपनी दुकान जगमग भी करते हैं। कुछ दिन सन्नध हो कर बैठतेContinue reading “ब्लॉगरीय अर्थव्यवस्था की दुकानें”

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