सवेरे दफ्तर आया तो लगा कि कमरे की बिजली रात भर जलती रही थी। बहुत सारे भुनगे कमरे में थे जिन्हे सफाई वाला निकाल नहीं पाया था। एक कोने में एक टिड्डा – हरे रंग का ग्रासहॉपर बैठा हुआ था। दिन भर वह वहीं रहा। बिना हल्का सा भी हलचल किये। मरा नहीं था, अन्यथाContinue reading “टिड्डे का दिन – ||रिमोट <> चूहा||”
