बड़े हो रहे हैं पिल्ले


कुतिया के पिल्ले बड़े हो रहे हैं। सफेद-भूरा वाला पिल्ला सबसे चघड़ है। अपनी कोठरी से बाहर निकल निकल कर एक्प्लोर करता है। दो काले वाले भी आस-पास घूमते हैं। एक काला (छोटे सफेद धब्बे के साथ) सबसे दुबला है और ज्यादा सोता है। वही सबसे ज्यादा कूं कूं करता है।
 
puppiesचार पिल्ले और चारों अलग अलग पर्सनालिटी वाले। डार्विन की माने तो चौथा मरियल वाला सबसे कम चांस रखता है सर्वाइवल का। पर लगता है सारे सर्वाइव कर लेंगे।

« ढ़लान पर रपटते पिल्ले। 

दूध वाला एक पाव दूध डाल जाता है। पहले कुतिया पीती थी। अब वह बच्चे पीते हैं। कुतिया को वैसे ही मन माफिक भोजन मिल जा रहा है। पड़ोस में एक घर में तेरही थी। वहां वालों ने कुतिया के लिये एक भरपूर पत्तल भोजन भिजवा दिया था।

छब्बीस नवम्बर की पिछली पोस्ट से:

….. कुतिया और बच्चों के लिये संदीप और भरतलाल ने एक घर बना दिया है। नियम से भोजन देते हैं। कुतिया कोई भी समस्या होने पर अपनी कूं-कूं से इन्हें गुहार लगाने पंहुच जाती है। वह जान गयी है कि यही उसका सहारा हैं। पिल्लों ने अभी आंख नहीं खोली है।  

लगभग चार हफ्ते भर के हो रहे हैं ये पिल्ले। अगले महीने भर में कुतिया खिसक लेगी और पिल्ले आत्मनिर्भर हो लेंगे?


हे राम! रात के दस बज रहे हैं। कल यह पोस्ट पब्लिश होगी। अभी पता चल रहा है कि दो पिल्ले – एक सफेद और एक काला कोई चुरा ले गया है। कुतिया परेशान इधर उधर दौड़ रही है। उसकी रोने की आवाज भी आ रही है।

मैं दुखी महसूस कर रहा हूं। अत्यन्त दुखी।

अपडेट (१३:०० बजे) : दफ्तर के लिये मैं पौने दस बजे निकल रहा था तो सन्दीप ने बताया – दुन्नो पिलौआ आइ ग हयें (दोनो पिल्ले आ गये हैं)। शायद रात भर किसी ने रखा होगा और सवेरे वापस छोड़ गया। राहत!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

32 thoughts on “बड़े हो रहे हैं पिल्ले

  1. धांसू है। विवेक तो कविता भी ठेले हैं आज चर्चा मेंइल्हाबाद में पिल्ले खोए .कुतिया फूट फूटकर रोए .हम सोचे अपहरण हुआ है .मगर खुदा की खूब दुआ है .सही सलामत वापस आये .बिलागरों के मन हरषाए

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  2. चलिये पिल्लों की बात चली है तो हम भी एक दिलचस्प किस्सा सुनाते चलें । बात कुछ साल पुरानी है, तब हम नये नये ह्यूस्टन में आये थे । एक पार्टी में जाना हुआ जहां एक खूबसूरत कन्या अपनी कुतिया के साथ आयी थी । उससे बातचीत प्रारम्भ हुयी और हम कहना चाहते थे कि आपकी कुतिया Well behaved और Cute है । जैसा पहले होता था, मन में हिन्दी आयी और मन में ही उसका English अनुवाद हुआ लेकिन बोलने से पहले कुछ गले में कुछ अटक सा गया ।Your bitch is very well behaved and cute. कुछ तो गडबड है, हमने नजाकत का ख्याल करते हुये कहा Your dog is very well behaved and cute.हमने सोचा कि हद से हद यही सोचेगी कि उसकी पालतू कुतिया को स्त्रीलिंग से पुल्लिंग बना दिया । लेकिन “Bitch” शब्द का प्रयोग जंच नहीं रहा था ।अच्छा ही हुआ कि उस दिन बच गये । क्योंकि यहां बातचीत में Dog शब्द का ही प्रयोग किया जाता है और He/She के प्रयोग से उसके लिंग का पता चलता है ।ऐसे ही कुछ और भी Cultural Shocks झेले हैं, कभी मूड में आये तो बतायेंगे :-)

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  3. कभी समय मिले तो चारॊ पिल्लो को मेरी तरफ़ से प्यार जरुर करे,बहुत ही प्यारे प्यारे है, ओर मेरी कमजोरी भी है.धन्यवाद

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  4. पोस्ट की बात न करूँ तो आलोक पुराणिक जी की टिप्पणी ने चेहरे पर मुस्कुराहट तो ला ही दी है।वैसे बच्चे भले ही श्वान के हों या शूकर के, क्यूट तो हर बच्चा होता है।

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  5. यूं देखिए तो कुछ भी नहीं है इस पोस्‍ट में ‘ एक कुतिया ने बच्‍चे जने, सब ठीक ठाक हैं, दो चोरी चले गए थे, वापस लौट आए वगैरह-वगैरह ।लेकिन भावनाओं का स्‍पन्‍दन और जिन्‍दगी की धडकन महसूस होती रही-पोस्‍ट पढते रहने तक ।मन भीग आया ।ऐसा क्‍यों कर हुआ ?

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  6. पिल्ले तो हमारी गली की एक कुतिया ने भी पिछले माह जने। दो-तीन तो अब तक मर चुके, तीन अभी बाकी हैं। देखने में बहुत ही प्यारे लगते हैं, हमारे घर के आसपास ही मंडराते रहते हैं, माँ रोज़ सुबह दूध और डबलरोटी देती हैं कदाचित्‌ इसलिए। दिन में या रात में घर से बाहर निकलो तो कुछ पाने की अपेक्षा से तीनों पिल्ले मटकते हुए और अपनी नन्हीं दुम को हिलाते हुए आ जाते हैं, भगाओ तो भागते नहीं और प्यारे नन्हे मासूम पिल्लों से सख्ती से पेश आना मन को उचित नहीं लगता!! फरवरी में जाड़ा समाप्त होते-२ कदाचित्‌ इनमे से एक-दो ही बचेंगे!! :(

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  7. इधर भी पिछले साल पार्क में कुतिया ने पिल्ले दिये थे, चार। साल के आखिर में बचा एक और अब गायब है।कुतिया ने फिर इस साल बच्चे दिए, कहीं और अब पार्क में ले आई है। पूरे चार हैं। बचेंगे कितने पता नहीं। पर महल्ले के लोग उन्हें पाल ही लेंगे।

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