लस्तवइ भुलाइ गये!


मैं फिर गंगा किनारे गया। सब्जियों की खेती देखने नहीं, अपने आप को अनवाइण्ड करने। अपना मोबाइल ले कर नहीं गया – कोई फोन नहीं चाहता था एक घण्टे भर। एक छोटा बच्चा तेजी से चलता हुआ गया – बोलता जा रहा था – “अले हम त लस्तवइ भुलाइ गये”। (अरे मैं तो रास्ता हीContinue reading “लस्तवइ भुलाइ गये!”

Design a site like this with WordPress.com
Get started