लंच-यज्ञ


मेरी नौकरी की डिमाण्ड रही है  कि मेरा घर रेलवे के नियंत्रण कक्ष के पास हो। लिहाजा मैं दशकों रेलवे कालोनी में रहता रहा हूं और बहुत से स्थानों पर तो दफ्तर से सटा घर मुझे मिलता रहा है। आदत सी बनी रही है कि दोपहर का भोजन घर पर करता रहा हूं। यह क्रमContinue reading “लंच-यज्ञ”

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