वैशाखी बीत गई। नवान्न का इन्तजार है। नया गेहूं। बताते हैं अरहर अच्छी नहीं हुई। एक बेरियां की छीमी पुष्ट नहीं हुई कि फिर फूल आ गये। यूपोरियन अरहर तो चौपट, पता नहीं विदर्भ का क्या हाल है?
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बदलाव
ब्लॉगिंग सामाजिकता संवर्धन का औजार है। दूसरों के साथ जुड़ने का अन्तिम लक्ष्य मूल्यों पर आर्धारित नेतृत्व विकास है। क्या होता है यह? संजीत त्रिपाठी मुझसे बारबार पूछते रहे हैं कि ब्लॉगिंग ने मुझमें क्या बदलाव किये। और मैं यह सोच पाया हूं कि एक बेहद अंतर्मुखी नौकरशाह से कुछ ओपनिंग अप हुई है। हमContinue reading “बदलाव”
बदलाव
ब्लॉगिंग सामाजिकता संवर्धन का औजार है। दूसरों के साथ जुड़ने का अन्तिम लक्ष्य मूल्यों पर आर्धारित नेतृत्व विकास है। क्या होता है यह? संजीत त्रिपाठी मुझसे बारबार पूछते रहे हैं कि ब्लॉगिंग ने मुझमें क्या बदलाव किये। और मैं यह सोच पाया हूं कि एक बेहद अंतर्मुखी नौकरशाह से कुछ ओपनिंग अप हुई है।
