अनुराग जी ने मेरी पिछली पोस्ट के मद्देनजर मुझे गांधी टोपी पहना दी, ई-मेल से!
भला मैं पहनने से इंकार कैसे कर सकता हूं – भले ही यह टोपी थोड़ी तिरछी लग रही है। :lol:

भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
अनुराग जी ने मेरी पिछली पोस्ट के मद्देनजर मुझे गांधी टोपी पहना दी, ई-मेल से!
भला मैं पहनने से इंकार कैसे कर सकता हूं – भले ही यह टोपी थोड़ी तिरछी लग रही है। :lol:

तो अनशन कब से शुरू होगा !
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पाण्डेजी आगे बढ़ो, हम आपके साथ हैं :)
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टोपी जम रही है साथ में आप भी।
टोपी पहनने का खतरा यह भी है कि देखते ही लोग उछालने के काम में लग लेते हैं।
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टोपी तिरछी हो सकती है पर अच्छी लग रही है :………
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गाँधी टोपी कम तुर्की टोपी ज्यादा लग रही है. दाढ़ी भी लग जाए तो फिर परसोना बदल ही जाएगा.
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अच्छा लग रहा है .. बेकार ही इतने दिनों तक मना करते रहें !!
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और आप पहन कर प्रसन्न भी दिख रहे हैं, मुख्य बात यही है.
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जी नहीं, गाँधी नहीं।
आजकल अण्णा टोपी कहिए।
जो भी हो, आप जच रहे है।
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
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बधाई हो!
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अब लगा दीजिए प्रोफाइल में… भाई विदेश से टोपी आई है देसी..
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