सीता से ब्याह रचइओ, हो राम, जब जइयो जनकपुर में!


आज डाला छठ मनाने के बाद स्त्रियों का एक झुण्ड लौट रहा था। आगे एक किशोर चल रहा था प्रसाद की डलई उठाये। औरतें समवेत गा रही थीं मधुर स्वरों में –  सीता से ब्याह रचइओ, हो राम, जब जइयो जनकपुर में! दीपावली के बाद आती है यह छठ। और दीपावली जहां नकली लाइटों, पटाखोंContinue reading “सीता से ब्याह रचइओ, हो राम, जब जइयो जनकपुर में!”

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