जब (सन् 1984) मैने रेलवे सर्विस ज्वाइन की थी, तब रेलवे के यार्ड और स्टेशनों से ट्रेन चलने का डाटा इकठ्ठा करने के लिये ट्रेन्स क्लर्क दिन रात लगे रहते थे। एक मालगाड़ी यार्ड में आती थी तो वैगनों का नम्बर टेकर पैदल चल कर उनके नम्बर उतारता था। यार्ड के दफ्तर में हर आनेContinue reading “डाटा”
