युद्ध हमारे व्यक्तित्व में अच्छा से अच्छा और बुरा से बुरा पट्ट से निकाल कर दिखा देता है। वह जितना इस बार दिखा – सोशल मीडिया और टीवी पर उन्मादित सुधीजनों की प्रतिक्रियाओं के द्वारा – उतना पहले कभी नहीं दिखा था।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
युद्ध हमारे व्यक्तित्व में अच्छा से अच्छा और बुरा से बुरा पट्ट से निकाल कर दिखा देता है। वह जितना इस बार दिखा – सोशल मीडिया और टीवी पर उन्मादित सुधीजनों की प्रतिक्रियाओं के द्वारा – उतना पहले कभी नहीं दिखा था।