कुछ समय आंख के ऑपरेशन थियेटर में


एक कुशल नाट्य की तरह ऑपरेशन थियेटर में हर कृत्य नपा तुला, बिना किसी हड़बड़ाहट के होता दीखा। वहां उपस्थित सर्जन और दोनो सहायक कर्मी जानते थे कि आगे किस चीज की और कब जरूरत होनी है।

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