होशियारपुर – दरगाह के बाहर खुले में रात


खुले जगह थी और वहां मच्छरों का साम्राज्य था। प्रेमसागर के पास मच्छर अगरबत्ती थी, दो अगरबत्ती जलाई पर खुले में वह प्रभावी नहीं थी। वह तो देर रात गार्ड आया। “उसने मच्छरदानी लगा दिया तो दो घण्टा सो लिये हम।”

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