वाटर स्पाउट – Water Spout – के लिये मुझे हिंदी में शब्द नहीं मिला। इसलिये उस शब्द को यथावत प्रयोग कर रहा हूं।
कल श्री अमरनाथ सिंह ने एक ट्वीट किया। अमरनाथ जी समुद्री जहाज के केप्टन हैं। उन्होने बताया –
यह वाटर स्पाउट उन्होने बिस्मार्क समुद्र (पापुआ न्यू गिनी के पूर्व में) देखा था।

वाटर स्पाउट जल में उठा बवण्डर है। इसके नाभिक में जल ऊपर की ओर उठ कर बादलों तक चला जाता है। लगता है मानो बादल जलराशि को चूस रहा हो।
आज सवेरे मेरे घर पर अगियाबीर के गुन्नीलाल पांड़े जी आये थे। उन्हें मैंने समुद्र में बने वाटर स्पाउट का जिक्र किया। मैंने अमरनाथ जी का ट्वीट भी उन्हें दिखाया।
ट्वीट देख कर गुन्नी पाण्डेय ने बताया – “यह मेरा आंखों देखा किस्सा है। अगियाबीर के कोट (टीले) के पास गंगा जी में अचानक ऐसा बवण्डर उठा था। आसपास कुछ नहीं था पर नदी के पानी में हलचल हुई। ऊपर एक बादल सा बन गया। मैंने देखा कि वह बादल बवण्डर के साथ घूमता हुआ। करीब आधा किलोमीटर चला। रास्ते में घास-फूस-झोंपड़ी-टीन-टप्पर उड़ाता हुआ। और वहीं गंगा के किनारे द्वारिकापुर मंदिर की जगह बहुत तेज बारिश कर खत्म हो गया।”

जैसा गुन्नीलाल जी ने बताया, वह भी एक वाटर स्पाउट रहा होगा। बहुत कम ही ऐसा होता है। गुन्नीलाल जी ने भी ऐसा आज से तेरह साल पहले देखा था – “बारह तेरह साल हुए होंगे इस घटना को। तब मैं नौकरी में था। स्कूल में पढ़ाता था।”
तो यह मुझे स्पष्ट हो गया कि जलीय बवण्डर या वाटर स्पाउट केवल समुद्री फिनॉमिना नहीं है। नदी में भी उसे देखा जा सकता है।
नेट पर सर्च करने पर मुझे पुणे के समीप नजारे डैम में एक वाटर स्पाउट की खबर मिली। यह नजारा 2018 का है। उसका वीडियो नीचे प्रस्तुत है।
वाटर स्पाउट के बारे में डा. अरविंद सावंत, मौसम विज्ञानी का यह कथन देखा जाये –

गुन्नीलाल जी के कथन से यह स्पष्ट हो जाता है कि भले ही वाटर स्पाउट बिरला ही होने वाला फिनॉमिना, हो; यह हमारे आसपास, गंगाजी में भी दिखाई दे सकता है!


aap bahut der se likhne lage hain aaj kal..
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गर्मी बहुत है. एकाग्रता नहीं हो पा रही. तापक्रम 45 डिग्री रह रहा है और रात में भी ठंडा नहीं होता वातावरण. 😔
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