<<< कल्पना में रेल कथा >>> मैं मचान पर बैठता हूं तो आधा किलोमीटर दूर रेलवे फाटक से गुजरती ट्रेने देख मेरे अतीत से प्रेरित; पॉपकॉर्न की तरह, कथायें फूटने लगती हैं। कुछ इस तरह लगता है कि मैं अर्धनिद्रा में चला गया हूं और केलिडोस्कोप में सीन-प्लॉट-पात्र-घटनायें बन बिगड़ रहे हैं। जमीन से सातContinue reading “कल्पना में रेल कथा”
Daily Archives: 15.12.2024
15 दिसम्बर – छोटी पोस्टें
#कड़ेप्रसाद फिर हाजिर थे। मूंग की नमकीन लिये थे। साथ में गुड़हवा लेडुआ भी था। बताया कि लेडुआ हिट हो गया है। पचास किलो तक निकल जा रहा है। पांच दस किलो तो स्कूल में मास्टराइनें ही ले ले रही हैं। इतनी जल्दी फिर आने का कारण मुझे समझ आया कि लेड़ुआ हिट होने परContinue reading “15 दिसम्बर – छोटी पोस्टें”
