[1] आज बगल के एक घर के बाहर एक लड़की और छोटा बच्चा धूप सेवन करते दिखे। लड़की स्वेटर बुनने की सलाइयों से पांवपोंछ बना रही थी। पुरानी साड़ी से लम्बे लम्बे टुकड़े जोड़ कर एक गोला बनाया था, जैसे ऊन का गोला होता है। उस लम्बे साड़ी के ‘धागे” से बुना जा रहा थाContinue reading “11 दिसम्बर की छोटी पोस्टें”
Monthly Archives: Dec 2024
अमलेश सोनकर का मचान
*** अमलेश सोनकर का मचान *** मेरे घर से आधा किमी की दूरी पर है अमलेश का खेत। दूर से मैने देखा तो सफेद चांदी सा कुछ जमा था खेत में। थोड़ा पास गया तो एक बच्चे ने बताया – “रेक्सहवा कोंहड़ा है। इसकी मिठाई बनती है।” ज्यादा पास जाने पर अमलेश मिले। वे खेतContinue reading “अमलेश सोनकर का मचान”
और मचान बन गया
*** और मचान बन गया *** मैने खेत में एक मचान बनवाने की सोची थी, पर फिर इरादा बदल कर घर की चारदीवारी से सटा मचान बनवाने का निर्णय लिया। उस मचान से खेत, उसके आगे रेलवे स्टेशन का लेवल क्रॉसिंग का इलाका और गांव नजर आते। इस बारे में कल एक पोस्ट एक्स औरContinue reading “और मचान बन गया”
