संगम तट पर भागलपुर की वह लड़की


<<< संगम तट पर भागलपुर की वह लड़की >>> मैं संगम तट पर पंहुच बिछी पुआल पर बैठ गया। पुआल इतनी गीली थी कि रेत न उड़े और इतनी भी नहीं थी कि बैठने पर नीचे के कपड़ों को गीला कर दे। अपने दांई ओर देखा तो पाया कि एक नौजवान महिला (24-25 साल कीContinue reading “संगम तट पर भागलपुर की वह लड़की”

संगम में बद्री लाल के रिक्शे पर


<<< संगम में बद्री लाल के रिक्शे पर >>> पुण्डरीक मिश्र जाने कहां से उसे निकाल लाये। हम शैलेश और पुण्डरीक जी के साथ उनके नमो एप्प के अड्डे से संगम की ओर चल रहे थे। एक-डेढ़ किलोमीटर रही होगी दूरी। बीएसएफ के उस नगा सिपाही ने अपनी नैसर्गिक मुस्कान और दृढ़ता से हमारा स्वागतContinue reading “संगम में बद्री लाल के रिक्शे पर”

यात्रा बनाम यात्राविरक्ति


<<< यात्रा बनाम यात्राविरक्ति >>> आज सवेरे शैलेश पाण्डेय ने प्रयाग से फोन किया। उनका कहना था कि यूं ही उठूं, अपनी गाड़ी में तेल भराऊं और प्रयाग के दारागंज वाले परेड ग्राऊण्ड में पंहुच जाऊं। वहां वे मिल जायेंगे और पूरा मेला साथ रह कर घुमवा देंगे। घूम कर वापस लौटा जा सकता है।Continue reading “यात्रा बनाम यात्राविरक्ति”

Design a site like this with WordPress.com
Get started