<<< व्योमकेश शास्त्री बनाम नीलकंठ चिंतामणि >>> व्योमकेश शास्त्री आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के द्वारा रचा काल्पनिक चरित्र है। काफी हद तक आचार्य जी का ‘क्लोन’। जितने आचार्य जी का लेखन मुझे भाता है उतने ही व्योमकेश का चरित्र भी। व्योमकेश से प्रेरित हो कर मैं भी अपने क्लोन बनाता रहता हूं अपनी मानसिक दुनियां में।Continue reading “व्योमकेश शास्त्री बनाम नीलकंठ चिंतामणि”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
प्रेमसागर जी का सम्मान हुआ
<<< प्रेमसागर जी का सम्मान हुआ >>> परसों प्रेमसागर जी ने मुझे फोन कर बताया कि समस्तीपुर के पास एक मंदिर में उनका स्वागत सम्मान किया जाने वाला है और वे वहां जाने के लिये अपने गांव से निकल कर रेलवे स्टेशन पर आ चुके हैं। उनका निकटस्थ रेलवे स्टेशन जीरादेई है। सिवान के पास।Continue reading “प्रेमसागर जी का सम्मान हुआ”
कल्पना में रेल कथा
<<< कल्पना में रेल कथा >>> मैं मचान पर बैठता हूं तो आधा किलोमीटर दूर रेलवे फाटक से गुजरती ट्रेने देख मेरे अतीत से प्रेरित; पॉपकॉर्न की तरह, कथायें फूटने लगती हैं। कुछ इस तरह लगता है कि मैं अर्धनिद्रा में चला गया हूं और केलिडोस्कोप में सीन-प्लॉट-पात्र-घटनायें बन बिगड़ रहे हैं। जमीन से सातContinue reading “कल्पना में रेल कथा”
