स्वमित्र, दांत के डाक्टर


मेरे नीचे के इनसाइसर (काटने वाले दांत, कृन्तक) काले पड़ रहे थे। उनकी जड़ें ठीक थीं। ठंडा गरम भी इतना नहीं लगता था कि उसके उपचार की एमरजेंसी हो। पर काले दांत ऐसा आभास देते थे कि व्यक्ति तमाकू-सुरती-पानमसाला ज्यादा ही खाता है। जबकि मैं पान-सुरती खाता ही नहीं। मेरी मुस्कान और हंसी उत्तरोत्तर होठContinue reading “स्वमित्र, दांत के डाक्टर”

विश्वनाथ बिंद


तीन लड़के हैं विश्वनाथ के। अलग अलग हो गये हैं। यहीं पास पास तीनो ने घर बनाये हैं। सबसे छोटे कट्टू के यहां रहता है विश्वनाथ। एक कमरे का घर है कट्टू का और उसके टीन के ओसारे में विश्वनाथ का तख्त बिछा है। बारहों महीने मैं विश्वनाथ को उसी तख्त पर रहते पाता हूं।Continue reading “विश्वनाथ बिंद”

दस हजार कदम से ज्यादा चलना


*** दस हजार कदम से ज्यादा चलना *** जब 2015 के उत्तरार्ध में रिटायर हुआ था तो मैं पैदल नहीं चल पाता था। सौ दो सौ कदम चलने पर घुटनों में दर्द होने लगता था। रेलवे के हमारे डाक्टर साहब ने मुझे सलाह दी थी कि पैदल चलने की बजाय साइकिल चलाऊं। जितनी देर पैदलContinue reading “दस हजार कदम से ज्यादा चलना”

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