आलोक (9+2=11 वाले) ने जब हिन्दी के विषय में मेरे पोस्ट पर टिप्पणी की (टिप्पणी इस पोस्ट में उद्धृत है – यह उद्धृत शब्द का प्रयोग आलोक-इफेक्ट है! अन्यथा मैं “कोट” का प्रयोग करता!) तो मुझे लगा कि मैं दो प्रकार से प्रतिक्रिया कर सकता हूं – ठसक कर अथवा समझ कर. ठसकना मेरे लियेContinue reading “आलोक (नौ-दो-इग्यारह) की मित्रता”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
रेल दुर्घटना – कितने मरे हैं जी?
अमन चैन के माहौल में कल दफ्तर में बैठा था. कुछ ही समय पहले श्रीश के ब्लॉग पर हरयाणवी लतीफे पर टिप्पणी की थी. अचानक सवा बारह बजे कण्ट्रोल रूम ने फोन देने शुरू कर दिये कि जोधपुर हावडा एक्सप्रेस का कानपुर सेण्ट्रल पहुंचने के पहले डीरेलमेण्ट हो गया है. आलोकजी की माने तो मुझेContinue reading “रेल दुर्घटना – कितने मरे हैं जी?”
गूगल सर्च – मीडिया ही सयाना नहीं है खबर जानने में!
आज का दिन गूगल सर्च की पोस्टों के नाम ही! बस, आपके झेलने के लिये यह आज की दूसरी और अंतिम पोस्ट है. और फिर गूगल सर्च की पोस्ट बन्द.खबर सूंघने-जानने को मीडिया ही शेर नहीं है. ट्रैफिक पैटर्न – चाहे वह रेल का हो या टेलीफोन का, मीडिया से पहले खबर का ट्रिगर देताContinue reading “गूगल सर्च – मीडिया ही सयाना नहीं है खबर जानने में!”
