देवीचरण उपाध्याय सुरियांवां के थे. बोधिस्त्व के ब्लॉग में सुरियांवां का नाम पढ़ा तो उनकी याद आ गयी. मैं देवीचरण उपाध्याय से कभी नहीं मिला. मेरी ससुराल में आते-जाते थे. वहीं से उनके विषय में सुना है. जो इस क्षेत्र को नहीं जानते उन्हे बता दूं – इलाहाबाद से रेल लाइन जाती है बनारस. वहContinue reading “सुरियांवां के देवीचरण उपाध्याय के रेल टिकट”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
शांती की पोस्ट पर मेरे माता-पिताजी का लगाव
कल मैने शांती पर एक पोस्ट पब्लिश की थी. कुछ पाठकों ने ब्लॉगरी का सही उपयोग बताया अपनी टिप्पणियों में. मैं आपको यह बता दूं कि सामान्यत: मेरे माता-पिताजी को मेरी ब्लॉगरी से खास लेना-देना नहीं होता. पर शांती की पोस्ट पर तो उनका लगाव और उत्तेजना देखने काबिल थी. शांती उनके सुख-दुख की एकContinue reading “शांती की पोस्ट पर मेरे माता-पिताजी का लगाव”
समाज में तरक्की तो है – नेवस्टी गया है मोनू
शांती मेरे घर में बरतन-पोंछा करने आती है. जाति से पासी. नेतृत्व के गुण तलाशने हों तो किसी कॉरपोरेट के सीईओ को झांकने की जरूरत नहीं, शांती में बहुत मिलेंगे. एक पूरी तरह अभावग्रस्त परिवार को अपने समाज में हैसियत वाला बना दिया है. हाड़तोड़ मेहनत करने वाली. कभी-कभी सवेरे 4-5 बजे आ जाती है.Continue reading “समाज में तरक्की तो है – नेवस्टी गया है मोनू”
