लंच-यज्ञ


मेरी नौकरी की डिमाण्ड रही है  कि मेरा घर रेलवे के नियंत्रण कक्ष के पास हो। लिहाजा मैं दशकों रेलवे कालोनी में रहता रहा हूं और बहुत से स्थानों पर तो दफ्तर से सटा घर मुझे मिलता रहा है। आदत सी बनी रही है कि दोपहर का भोजन घर पर करता रहा हूं। यह क्रमContinue reading “लंच-यज्ञ”

टूटा मचान


टूटा मचान खूब मचमचा रहा है। सदरू भगत चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं उसकी टूटी मचिया पर। पर जितनी बार ट्राई मारते हैं, उतनी बार बद्द-बद्द गिरते हैं पठकनी के बल। आलू-परवल का चोखा खा कर इण्टेलेक्चुअल बनने चले हैं लण्ठ कहीं के! सदरुआइन बार बार कहती हैं कि तोहरे सात पुश्त में कौनोContinue reading “टूटा मचान”

टिर्री


अलीगढ़ में पदस्थ श्री डी. मिंज, हमारे मण्डल यातायात प्रबन्धक महोदय ने टिर्री नामक वाहन के कुछ चित्र भेजे हैं। यह टीवीएस मॉपेड (पुराने मॉडल) का प्रयोग कर बनाया गया सवारी वाहन है। इसमें छ सवारियां बैठ सकती हैं। श्री मिंज ने बताया है कि यह जुगाड़ू वाहन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने बनायाContinue reading “टिर्री”

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