ज़ारिया से ग़ढ़ बोरियाद


#नर्मदायात्रा के सातवें दिन (दिनांक 22 मई25) ज़ारिया से गढ़ बोरियाद चलना हुआ। अब तक यात्रा गंगा तीरे तीरे हो रही थी, पर सातवें दिन नर्मदा के ऊपर बने बांध का असर परिक्रमा पर दिखने लगा। बाबाजी अब नर्मदा का किनारा छोड़ उनसे दूर उत्तर की ओर चले। नर्मदा से दूर जाना हुआ तो माईContinue reading “ज़ारिया से ग़ढ़ बोरियाद”

तिलकवाड़ा से झारिया


तिलकवाड़ा में सवेरे – 21 मई की सुबह, प्रेमसागर रवि काका जी के साथ बैठे थे मारुति मंदिर परिसर में। रवि काका जी की उम्र कोई पचहत्तर साल होगी – ऐसा प्रेमसागर ने बताया। रवि काका सोनावणे जी भी पदयात्री हैं नर्मदा माई के। माई की पूरी परिक्रमा तीन बार कर चुके हैं। सौ-डेढ़ सौContinue reading “तिलकवाड़ा से झारिया”

चांडोद से तिलकवाड़ा


चांडोद ओरसांग, सरस्वती (गुप्त) और नर्मदा का त्रिवेणी संगम है। उत्तर तट पर जो बीस बाइस प्रमुख नदियां नर्मदा में आ कर मिलती हैं, उनमें से ओरसांग भी एक है। ओरसांग मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से अरावली की दक्षिणी पहाड़ियों से निकलती है और गुजरात में छोटा उदयपुर से होते हुये चांडोद में नर्मदा मेंContinue reading “चांडोद से तिलकवाड़ा”

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