मध्यकाल से लोग कलात्मकता को नकारते रहे हैं इस इलाके में


मध्य काल में औरतों को पर्दे में बंद कर इस गांगेय प्रदेश ने जीवन के कला बोध भोथरे कर दिये हैं। आदमी भी वैसे ही हो गए हैं – चिरकुट।

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