प्रेमसागर दो साल की अवधि मान कर चल रहे थे इस पैदल यात्रा के लिये। पर वह, विघ्न-बाधाओं के बावजूद, कल सोलह जुलाई 2022 को बाबा बैजनाथ धाम में जल चढ़ाने के साथ वह सम्पन्न हुई। साल भर से भी कम समय में।
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून को छोड़ने के बाद गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
प्रेमसागर दो साल की अवधि मान कर चल रहे थे इस पैदल यात्रा के लिये। पर वह, विघ्न-बाधाओं के बावजूद, कल सोलह जुलाई 2022 को बाबा बैजनाथ धाम में जल चढ़ाने के साथ वह सम्पन्न हुई। साल भर से भी कम समय में।