अरुणा (हमारी नौकरानी) शाम की पारी में बगीचे में सूखी पत्तियां बटोरने के लिये झाड़ू लगाया करती है। वह मच्छरों से बचाव के लिये मेरी एक पूरी बांह की पुरानी कमीज अपनी साड़ी के ऊपर पहन लेती है। उसके लिये एक ओडोमॉस की ट्यूब भी खरीदी है, वह भी खुले हाथ पैर पर लगाती है।Continue reading “मच्छरों की पीढ़ियां – बेबी बूमर्स से जेन जी का इतिहास”
