हम तीनों को – जिन्होने प्रेमसागर के शुरुआती यात्रा में सहायता की थी; को प्रेमसागर की प्रवृत्ति में आया परिवर्तन आश्चर्य में डालता है।
प्रवीण जी मुझे कहते हैं कि इस पूरे प्रकरण पर दार्शनिक तरीके से सोचा और लिखा जा सकता है!
Tag Archives: kanwariya
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन सम्पन्न – प्रेमसागर पर अंतिम पोस्ट
जो भी हो; पिछले लगभग चार महीने प्रेमसागर के साथ यात्रा जुगलबंदी ने मुझे बहुत फायदा दिया है। उनकी यात्रा न होती तो मैं रीवा, शहडोल, अमरकण्टक और नर्मदीय क्षेत्र, भोपाल, उज्जैन, माहेश्वर, गुजरात और सौराष्ट्र की मानसिक यात्रा कभी न कर पाता।
पोरबंदर के आसपास कांवर यात्रा पर विचार
यह मैंने समझ लिया है कि क्या करना चाहिये और क्या नहीं; उसपर मुझे बहुत माथापच्ची नहीं करनी है। उनकी यात्रा मॉनीटर करने का फेज नहीं रहा। वे सौराष्ट्र के आतिथ्यस्वर्ग के आनंदलोक में हैं।
