हम तीनों को – जिन्होने प्रेमसागर के शुरुआती यात्रा में सहायता की थी; को प्रेमसागर की प्रवृत्ति में आया परिवर्तन आश्चर्य में डालता है।
प्रवीण जी मुझे कहते हैं कि इस पूरे प्रकरण पर दार्शनिक तरीके से सोचा और लिखा जा सकता है!
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
हम तीनों को – जिन्होने प्रेमसागर के शुरुआती यात्रा में सहायता की थी; को प्रेमसागर की प्रवृत्ति में आया परिवर्तन आश्चर्य में डालता है।
प्रवीण जी मुझे कहते हैं कि इस पूरे प्रकरण पर दार्शनिक तरीके से सोचा और लिखा जा सकता है!