दहेज


वक्र टिप्पणियों का बहुधा मैं बुरा नहीं मानता। शायद मैं भी करता रहता हूं। पर विवेक सिंह की यह पिछली पोस्ट पर वक्र टिप्पणी चुभ गई: “मेरी पत्नीजी के खेत का गेंहूं है।” क्या ! आप अभी तक दहेज लिए जा रहे है ?