ध्वस्त शृन्खला महाशक्तिपीठ


“वे लोग कह रहे थे भईया, क्या करोगे? इसे (मीनार को) तोड़ोगे? हम दीदी से बात करेंगे। रात में जहां रुकोगे तो हम सब मिलने आयेंगे।” – प्रेमसागर ने बताया कि उनके तेवर उग्र थे और भाषा धमकी वाली थी।

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