सूर्या ट्रॉमा सेंटर पर सोच – एक फुटकर पोस्ट


उसने बताया कि सुबह शाम कर्मचारियों के साथ वह बातचीत करता है. समझाता है कि कहां कौन सा disinfectant प्रयोग में लाना है. कहाँ सूखा और कहां गीला पोछा लगाना है. कर्मचारियों के साथ डांट और पुचकार दोनों का इस्तेमाल करता है. वह एक प्रकार से ऑन जॉब ट्रेनिंग दे रहा है कर्मचारियों को. दुर्गेश का जोश मुझे आशा वादी बनाता है.

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